तू मुझ मे समा मै तुझ मे समा ....... तन से रूह तक छू कर होने लगे फ़ना। तू मुझ मे समा मै तुझ मे समा ....... तन से रूह तक छू कर होने लगे फ़ना।
देख लगे तुम अजर-अमर हो। कौन कहेगा तुम नश्वर हो? ख़त्म न हो वह संचित ज़र हो। अच्युत है सौंदर... देख लगे तुम अजर-अमर हो। कौन कहेगा तुम नश्वर हो? ख़त्म न हो वह संचित ज़र हो।...
थोड़ा थोड़ा करके खुद को संभाल रही उजड़ी हुई ज़िन्दगी को फिर से संवार रही। थोड़ा थोड़ा करके खुद को संभाल रही उजड़ी हुई ज़िन्दगी को फिर से संवार रही।
ज़रा सा संभल कर चलना था वो बिन चले ही संभाल गयी ज़रा सा संभल कर चलना था वो बिन चले ही संभाल गयी
नहीं ऐसा नहीं है , वो वैसा ही दौड़ रहा है , सिर्फ हम बेहद सहम गए हैं, नहीं ऐसा नहीं है , वो वैसा ही दौड़ रहा है , सिर्फ हम बेहद सहम गए हैं,
छोड़ देना जिंदगी को समर्पित करदेना। छोड़ देना जिंदगी को समर्पित करदेना।